चंडीगढ़: पूरे शहर भर में जल्द लगेंगे स्मार्ट मीटर !
- By Vinod --
- Friday, 29 Apr, 2022
Chandigarh: Smart meters will soon be installed across the city!
चंडीगढ़ के 1.84 लाख बिजली उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट से कवर करने की तैयारी
केंद्र सरकार के पास चंडीगढ़ प्रशासन ने भेजा है सभी उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाने का प्रपोजल
फिलहाल इंडस्ट्रियल एरिया एक व दो और साथ जुड़ते क्षेत्रों में लगाए गए हैं 24 हजार स्मार्ट मीटर, प्रोजेक्ट लगभग पूरा, प्रोजेक्ट पर आया 34 करोड़ का खर्चा
जेईआरसी की 12 या 13 मई को होने जा रही मीटिंग में होगा बिजली रेट बढ़ाने पर फैसला, रेट बढऩे के आसार कम
चंडीगढ़, 29 अप्रैल (साजन शर्मा) शहर के कुछ हिस्सों में स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया पूरी होने की कगार पर है। बिजली विभाग ने अब पूरे शहर में स्मार्ट मीटर लगाने की अनुमति केंद्र सरकार से मांगी है। चीफ इंजीनियर सीबी ओझा के मुताबिक जैसे ही केंद्र से अनुमति मिलेगी, इस पर आगे काम शुरू हो जाएगा। यहां बता दें कि चंडीगढ़ में इस वक्त कुल 1.84 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। इंडस्ट्रियल एरिया फेज 1 व 2 के साथ जुड़ते क्षेत्रों व सेक्टरों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम निपटने की कगार पर है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत लगभग 24 हजार मीटर लगाने पर 34 करोड़ रुपये का खर्चा आया है। बिजली विभाग ने इस प्रोजेक्ट पर बेहतरीन ढंग से काम किया है।
इसी से उत्साहित होकर अब केंद्र सरकार के पास पूरे शहर भर के बिजली उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर से कवर करने के प्रपोजल पर अनुमति मांगी गई है। सीबी ओझा ने बताया कि विभाग का कुल सालाना बजट 740 करोड़ के आसपास रहता है। बिजली के रेट बढ़ाने का फैसला जेईआरसी को लेना होता है। जेईआरसी की आगामी मीटिंग 12 या 13 मई के आसपास होने जा रही है। वहीं रेट को लेकर कोई निर्णय लिया जाएगा।
प्री-पेड भी हो सकते हैं मीटर
सीबी ओझा के मुताबिक स्मार्ट मीटरों में प्री-पेड का ऑप्शन भी रहेगा। हालांकि फिलहाल विकल्प पर अभी काम नहीं किया लेकिन अगर आगे अनुमति मिलेगी तो बिजली उपभोक्ताओं के लिए प्री-पेड कांसेप्ट लाया जा सकता है। वह जरूरत के मुताबिक प्री-पेड बिजली की खरीद कर सकते हैं। इसका प्रपोजल फिलहाल बनाया जाना है। अप्रूवल के बाद इस पर काम होगा। सीबी ओझा ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगाने से एक तो बिजली की चोरी रुकेगी। घर बैठे ही ऐप के जरिये रीडिंग जांची जा सकती है। उपभोक्ता व बिजली विभाग दोनों के समय की बचत होगी। कनेक्शन कंट्रोल रूम से बैठे ही काटा या जोड़ा जा सकता है। अगर किसी ने बिल समय पर जमा नहीं कराया तो इसकी मॉनीटरिंग लगातार होती रहेगी। उपभोक्ता का स्मार्ट मीटर इस ओर इंगित कर देगा। मैनुअल इंटरवेंशन पूरी तरह बंद हो जाएंगे। बिलिंग ऑटोमैटिकली हो जाएगी। किस ट्रांसफार्मर पर कितनी बिजली गई और कितनी लौट कर आ रही है, उसी से अंदाजा हो जाएगा कि कहां बिजली चोरी हो रही है। उन्होंने बताया कि इंडस्ट्रियल बेल्ट को स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट के तहत पूरा कवर कर लिया गया है। इंडस्ट्रियल एरिया में बिजली की काफी बड़ी खपत होती थी। उन्होंने बताया कि कालोनियों में बिजली चोरी की शिकायतें मिलती थी लेकिन अब ऐसी शिकायतें बहुत ही कम हैं। इंफोर्समेंट विंग शहर भर में छापे मारता है और इस तरह के केसों को पकड़ता है। इसके बारे में फील्ड स्टाफ को भी जानकारी नहीं होती कि विंग कहां छापा मारेगा। इससे गोपनीयता बनी रहती है। सीबी ओझा ने बताया कि वॉलंटरी डिस्कलोजर स्कीम के तहत उपभोक्ता लोड बढ़ा सकते हैं। उन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होती। चंडीगढ़ में गर्मी के पीक पर बिजली की उपलब्धता पर उन्होंने कहा कि यहां किसी प्रकार का संकट नहीं है। पर्याप्त मात्रा में केंद्र से बिजली मिल रही है। उपभोक्ताओं को किसी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है।